सारा आकाश (Sara Aakash)
‘सारा आकाश' एक कृति के रूप में आज़ाद भारत की युवा पीढ़ी के वर्तमान की त्रासदी और भविष्य का नक्शा हैं। आश्वासन तो यह है कि सम्पूर्ण दुनिया और सारा आकाश तुम्हारे सामने खुला है-सिर्फ तुम्हारे भीतर इसे जीतने और नापने का संकल्प हो-हाथ-पैरों में शक्ति हो.... मगर असलियत यह है कि हर पाँव में बेड़ियाँ हैं और हर दरवाज़ा बन्द है। युवा बेचैनी को दिखाई नहीं देता कि किधर जाए और क्या करे। इसी में टूटता है उसका तन, मन और भविष्य का सपना। फिर वह क्या करे-पलायन, आत्महत्या या आत्मसमर्पण ?आज़ादी के पचास बरसों ने भी इस नक्शे को बदला नहीं - इस अर्थ में 'सारा आकाश' ऐतिहासिक उपन्यास भी है और समकालीन भी । बेहद पठनीय और हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासों में से एक 'सारा आकाश' चालीस संस्करणों में आठ लाख प्रतियों से ऊपर छप चुका है, लगभग सारी भारतीय और प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनूदित है। बासु चटर्जी द्वारा बनी फ़िल्म 'सारा आकाश' हिन्दी की सार्थक कला फ़िल्मों की प्रारम्भकर्ता फ़िल्म है।
सारा आकाश" राजेंद्र यादव जी का पहला उपन्यास भी है और तीसरा भी। सन् 1952 में यह "प्रेत बोलते हैं "नाम से छपा था और बाद में लगभग 10 साल बाद संशोधित रूप में इसका पुनर्लेखन हुआ तो इसका नाम सारा आकाश रखा गया । यह उपन्यास राजेंद्र जी की औपन्यासिक यात्रा का मील का पत्थर है ।प्रसिद्ध उपन्यास निम्न मध्यवर्गीय संयुक्त परिवार की विसंगतियों को उजागर करने में सक्षम है। सारा आकाश दो खंडो में बटा हुआ उपन्यास है । इसके पूर्वार्ध में "बिना उत्तर वाली 10 दिशाएं" समाविष्ट हैं और उत्तरार्ध में "प्रश्न पीड़ित दस दिशाएं" व्याप्त हैं ।
लेखक परिचय
राजेंद्र यादव हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कहानीकार, उपन्यासकार व आलोचक थे। नयी कहानी के नाम से उन्होंने हिन्दी साहित्य में नई विधा का आरंभ किया।
जीवन परिचय : राजेंद्र यादव की का जन्म 28 अगस्त 1929 ई॰ को उत्तर प्रदेश के शहर आगरा में हुआ। 1951 ई॰ में उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एम ए की परीक्षा प्रथम स्थान प्राप्त करके उत्तरीण की। इनका विवाह सुपरिचित हिन्दी लेखिका मन्नु भंडारी के साथ हुआ। वह हिन्दी साथित्य की सुप्रसिद्ध पत्रिका "हंस" के सम्पादक थे।
रचनाएँ : राजेंद्र यादव द्वारा लिखित साथित्य अमूल्य है:-
कहानी संग्रह: "देवताओं की मुर्तुयाँ", "खेल", "खिलौना", "जाँहा", "लक्ष्मी क़ैद है", "किनारे से किनारे तक", "टूटना", "अभिम्नु की आत्महत्या", इत्यादि।
उपन्यास: "सारा आकाश (1959)", "उखड़े हुए लोग", "कुलटा", "शाह और मात", "एक इंच मुश्कन", "एक था शैलेंद्र", इत्यादि।
कविता संग्रह: "आवाज़ तेरी है।"
नाटक : चैखन के तीन नाटक।
सम्पादन कार्य: "एक दुनिया समानानतर"। "हंस पत्रिका"
सम्मान: हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा राजेंद्र यादव की उनके लेखन कार्य के लिए 2003-04 का सर्वोच्च सम्मान (शलाका सम्मान) प्रदान किया गया।
मृत्यु: 20 अक्तूबर 2013 को नई दिल्ली में 84 वर्ष की आयु के इनका निधन हो गया था ।
Sara Aakash workbook answers
पूर्वार्द्ध : साँझ
Charitra chitran - चरित्र चित्रण
Some Important Questions
अध्याय एक - Chapter One
अध्याय दो - Chapter Two
अध्याय तीन - Chapter Three
अध्याय चार - Chapter Four
अध्याय पाँच - Chapter Five
अध्याय छह - Chapter Six
अध्याय सात - Chapter Seven
अध्याय आठ - Chapter Eight
अध्याय नौ - Chapter Nine
अध्याय दस - Chapter Ten
उत्तरार्द्ध : सुबह
One
Two
Three
Four
Five
Six
Seven
Eight
Nine
Ten